मंदसौर में सहकारिता विभाग की प्रशासक हिमांगिनी शर्मा रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर लगी लगाम

 मंदसौर में सहकारिता विभाग की प्रशासक हिमांगिनी शर्मा रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर लगी लगाम

मंदसौर में सहकारिता विभाग की प्रशासक हिमांगिनी शर्मा रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, लोकायुक्त की बड़ी कार्रवाई से भ्रष्टाचार पर लगी लगाम

मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़,मंदसौर, 8 अक्टूबर 2025 (विशेष संवाददाता): मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती का एक और उदाहरण देखने को मिला। उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने सहकारिता विभाग की प्रशासक (सहायक प्रबंधक) हिमांगिनी शर्मा को 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। यह कार्रवाई मंदसौर जिला सहकारिता कार्यालय में दोपहर करीब 2 बजे की गई, जब शर्मा एक स्थानीय आवेदक से नोटशीट और चेक पर हस्ताक्षर के बदले पहली किश्त के रूप में घूस की राशि ले रही थीं। गिरफ्तारी के बाद लोकायुक्त टीम ने उनके कार्यालय में छापेमारी की और रिश्वत की रकम बरामद कर पंचनामा तैयार किया। शर्मा को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है, और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है।

शिकायत से शुरू हुई कार्रवाई की पूरी कहानी

यह मामला मंदसौर निवासी प्रभुलाल धनगर की शिकायत से शुरू हुआ। धनगर, जो एक सहकारी संस्था से जुड़े हैं, ने उज्जैन लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक आनंद यादव को लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि हिमांगिनी शर्मा ने संस्था के संचालन से जुड़े स्टेशनरी क्रय की नोटशीट और चेक पर हस्ताक्षर करने के लिए कुल 30,000 रुपये की रिश्वत की मांग की थी। शर्मा ने पहली किश्त के रूप में 15,000 रुपये आज ही मांग लिए थे। लोकायुक्त टीम ने शिकायत का सत्यापन किया और जाल बिछाकर कार्रवाई को अंजाम दिया।लोकायुक्त के अनुसार, धनगर ने सुबह ही शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद टीम ने तुरंत एक्शन लिया। दोपहर में जब शर्मा रिश्वत लेने के लिए तैयार हुईं, तो लोकायुक्त की टीम ने उन्हें मौके पर दबोच लिया। रिश्वत की राशि से शर्मा के हाथ सने हुए थे, और वे कोई सफाई देने की स्थिति में नहीं थीं। यह घटना सहकारिता विभाग के कार्यालय परिसर में हुई, जहां स्टाफ और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।लोकायुक्त टीम की तैनाती और भूमिकाकार्रवाई में उज्जैन लोकायुक्त की एक बड़ी टीम शामिल थी, जो पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए मौके पर तैनात रही। टीम का नेतृत्व डीएसपी दिनेशचंद्र पटेल ने किया, जबकि निरीक्षक हीना डावर ने तकनीकी पहलुओं का जायजा लिया। अन्य सदस्यों में आरक्षक अनिल अटोलिया, आरक्षक श्याम शर्मा, आरक्षक नीरज कुमार, महिला आरक्षक नेहा मिश्रा, महिला आरक्षक मनीषा राजपूत, कार्य प्रभार आरक्षक हितेश ललावत और कंप्यूटर टाइपिस्ट अंजली पूरानिया शामिल थे। टीम ने न केवल गिरफ्तारी की, बल्कि पूरे घटनास्थल का वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटोग्राफिक साक्ष्य भी संग्रहित किए, ताकि अदालत में मजबूत केस बन सके।लोकायुक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख ने इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ निरंतर अभियान का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी की शिकायतें बढ़ रही हैं, और उनकी टीम हर संभव प्रयास कर रही है कि सरकारी सेवक अपनी जिम्मेदारी निभाएं।हिमांगिनी शर्मा का विवादित इतिहास,गौरतलब है कि हिमांगिनी शर्मा का यह पहला विवाद नहीं है। वे पहले भी भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोपों में सुर्खियों में रहीं हैं। मंदसौर जिले के पूर्व विधायक देवीलाल धाकड़ ने अपने कार्यकाल के दौरान शर्मा के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई थीं, जिसमें सहकारिता सोसायटियों में अनियमित वित्तीय लेन-देन का आरोप था। इसके अलावा, सुवासरा सहकारिता सोसायटी के एक पुराने मामले में शर्मा जांच अधिकारी की भूमिका में थीं, जहां भ्रष्टाचार के चलते एक अन्य ऑडिटर को निलंबित किया गया था। स्थानीय स्तर पर शर्मा के खिलाफ कई अनौपचारिक शिकायतें भी दर्ज हैं, जो अब इस गिरफ्तारी के बाद फिर से चर्चा में आ गई हैं।सहकारिता विभाग के सूत्रों के अनुसार, शर्मा जिला मंदसौर में पिछले दो वर्षों से प्रशासक के पद पर तैनात थीं। उनकी जिम्मेदारी संस्थाओं के ऑडिट, वित्तीय अनुमोदन और संचालन से जुड़ी थी, लेकिन कथित तौर पर वे इन प्रक्रियाओं का दुरुपयोग कर रही थीं। विभाग ने इस घटना पर अभी कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन उच्च अधिकारियों ने जांच के आदेश दिए हैं।

प्रभाव और आगे की कार्रवाई

यह गिरफ्तारी मंदसौर सहकारिता विभाग में हड़कंप मचा रही है। स्थानीय किसान और सहकारी सदस्यों ने इसे सकारात्मक कदम बताते हुए लोकायुक्त की तारीफ की है। प्रभुलाल धनगर ने कहा, "मैंने हिम्मत जुटाकर शिकायत की, और आज न्याय मिला। ऐसे भ्रष्ट अधिकारी विभाग की छवि खराब करते हैं।" एक अन्य प्रभावित व्यक्ति ने बताया कि शर्मा ने पहले भी कई संस्थाओं से अनुचित मांगें की थीं।लोकायुक्त टीम अब शर्मा के बैंक खातों, संपत्ति और अन्य लेन-देन की जांच कर रही है। यदि और अनियमितताएं पाई गईं, तो मामला और गंभीर हो सकता है। पुलिस ने पुष्टि की कि शर्मा को कल अदालत में पेश किया जाएगा, जहां से उन्हें रिमांड पर लिया जा सकता है।मध्य प्रदेश में हाल के दिनों में लोकायुक्त की कई कार्रवाइयां हो चुकी हैं, जैसे छिंदवाड़ा में महिला एवं बाल विकास विभाग की चार अधिकारियों की गिरफ्तारी। ये घटनाएं राज्य सरकार के 'जीरो टॉलरेंस' नीति को मजबूत कर रही हैं। यदि आपके पास भी ऐसी कोई शिकायत है, तो तुरंत लोकायुक्त हेल्पलाइन 1800-233-0004 पर संपर्क करें।

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