छिंदवाड़ा में कफ सिरप से 6 बच्चों की मौत, जबलपुर कनेक्शन से हड़कंप,जांच तेज, दो सिरप पर बैन, NCDC टीम मौके पर

मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़, परासिया/छिंदवाड़ा/जबलपुर, 2 अक्टूबर 2025
मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप से जुड़ी रहस्यमयी बीमारी ने दहशत फैला दी है। पिछले 23 दिनों में 6 मासूम बच्चों की किडनी फेलियर से मौत हो चुकी है, जबकि 4 अन्य बच्चे नागपुर में डायलिसिस पर जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं। अब इस मामले में जबलपुर कनेक्शन सामने आया है। जांच में पता चला है कि संदिग्ध कफ सिरप—कोल्ड्रिफ और नेक्सट्रो-डीएस—जबलपुर की एक फार्मा कंपनी से सप्लाई किए गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने दोनों सिरप पर तत्काल बैन लगा दिया है।
घटना का क्रम
पिछले महीने 24 अगस्त से परासिया क्षेत्र में बच्चों में सर्दी-खांसी और सांस फूलने की शिकायतें शुरू हुईं। अभिभावकों ने स्थानीय डॉक्टरों और मेडिकल स्टोर्स से सिरप खरीदा, लेकिन कुछ दिनों बाद बच्चों की हालत बिगड़ गई। यूरिन बंद होने और उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद इन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। 7 सितंबर को पहली मौत हुई, और 4 से 26 सितंबर के बीच 6 बच्चों ने दम तोड़ दिया। अब तक 15 से अधिक बच्चे प्रभावित हैं।
जबलपुर कनेक्शन और कार्रवाई
जांच में सामने आया कि संदिग्ध सिरप जबलपुर की एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट से छिंदवाड़ा पहुंचे। जबलपुर के ड्रग कंट्रोलर ने कल कंपनी पर छापा मारा और 500 लीटर से अधिक स्टॉक जब्त किया। यूनिट का लाइसेंस सस्पेंड करने की सिफारिश की गई है। नागपुर की बायोप्सी रिपोर्ट में टॉक्सिन-जनित किडनी इंजरी की पुष्टि हुई, जिसमें डायएथिलीन ग्लाइकोल (DEG) जैसे जहरीले तत्वों की आशंका जताई गई। यह रसायन पहले भी नकली दवाओं से बच्चों की मौत का कारण बना है।स्वास्थ्य विभाग ने पूरे प्रदेश में अलर्ट जारी किया है। NCDC की टीम ने छिंदवाड़ा पहुंचकर पानी, दवा और ब्लड सैंपल कलेक्ट किए हैं। ICMR पुणे लैब में सैंपल जांच जारी है। भोपाल ने डॉक्टरों को एडवाइजरी भेजी है कि बिना जांच के सिरप न दें। बैतूल और राजस्थान के कुछ जिलों में भी इसी तरह के मामले सामने आए हैं।
सरकारी बयान और विवाद
उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला ने कहा, "कफ सिरप से मौतें तय नहीं, जांच जारी है।" वहीं, कांग्रेस नेता कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोला, "यह लापरवाही और भ्रष्टाचार का नतीजा है। दवाओं की खरीद में कमीशनखोरी हुई।" विपक्ष ने जांच की मांग की है।
जनता में दहशत
परासिया में माता-पिता सिरप फेंक रहे हैं। एक मां ने बताया, "बेटे को खांसी हुई तो डॉक्टर ने सिरप दिया, 3 दिन बाद किडनी बंद हो गई।" विशेषज्ञों ने सलाह दी कि बच्चों को दवा देने से पहले डॉक्टर से सलाह लें और प्रमाणित ब्रांड चुनें।
आगे की राह
स्वास्थ्य मंत्रालय ने नेशनल ड्रग रेगुलेटरी पर सख्ती का वादा किया है। ICMR की रिपोर्ट से साफ होगा कि यह सिरप की गड़बड़ी है या कोई अन्य कारण। तब तक सतर्कता जरूरी है।
