मध्य प्रदेश में मोहन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार: कटनी से संदीप जायसवाल, बहोरीबंद से प्रभात पांडे की संभावना; वरिष्ठ मंत्रियों पर कैंची, रणनीति में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन पर जोर

 मध्य प्रदेश में मोहन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार: कटनी से संदीप जायसवाल, बहोरीबंद से प्रभात पांडे की संभावना; वरिष्ठ मंत्रियों पर कैंची, रणनीति में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन पर जोर

मध्य प्रदेश में मोहन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार: कटनी से संदीप जायसवाल, बहोरीबंद से प्रभात पांडे की संभावना; वरिष्ठ मंत्रियों पर कैंची, रणनीति में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन पर जोर

मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़ कटनी।भोपाल, 27 सितंबर 2025    मध्य प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। यह विस्तार न केवल सरकार की छवि को नया रंग देने की कवायद है, बल्कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा भी है, जिसका लक्ष्य 2028 के विधानसभा चुनावों में मजबूत स्थिति बनाना और विभिन्न क्षेत्रों व जातीय समूहों में फैले असंतोष को शांत करना है। दिल्ली और भोपाल में चल रहे उच्चस्तरीय मंथन से संकेत मिल रहे हैं कि मंत्रिमंडल में बड़े बदलाव की तैयारी है, जिसमें वरिष्ठ मंत्रियों को संगठन की जिम्मेदारी सौंपकर नए चेहरों को अवसर दिए जाएंगे।

मंत्रिमंडल विस्तार की रणनीति: क्षेत्रीय और जातीय संतुलन

भाजपा की रणनीति का मुख्य आधार क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को मजबूत करना है। मध्य प्रदेश के 55 जिलों में फैले असंतोष को दूर करने के लिए पार्टी हर संभाग को प्रतिनिधित्व देने की कोशिश में है। वर्तमान मंत्रिमंडल में चार पद खाली हैं, और इन रिक्तियों को भरने के साथ-साथ कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को हटाकर संगठन में सक्रिय भूमिका दी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंत्रियों और विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट की समीक्षा शुरू की है, जिसके आधार पर नए चेहरों का चयन होगा। यह रणनीति न केवल सरकार की कार्यक्षमता को बढ़ाएगी, बल्कि पार्टी के जनाधार को भी मजबूत करेगी।पिछले विस्तार (जुलाई 2024) में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के रामनिवास रावत को कैबिनेट में शामिल कर क्षेत्रीय असंतुलन को दूर करने की कोशिश की गई थी। अब मालवा, बुंदेलखंड, महाकौशल, रेवांचल और चंबल संभागों के उन जिलों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां अभी तक प्रतिनिधित्व नहीं मिला है। इस रणनीति में निम्नलिखित बिंदु शामिल हैं:

क्षेत्रीय संतुलन: मालवा संभाग के उज्जैन, इंदौर, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शाजापुर और आगर-मालवा जैसे जिलों में पहले से ही कैलाश विजयवर्गीय और विश्वास सारंग जैसे दिग्गज मौजूद हैं। फिर भी, क्षेत्रीय नाराजगी को देखते हुए नए चेहरों को शामिल करने की संभावना है।

बुंदेलखंड और रेवांचल में नई ऊर्जा सागर, दमोह, छतरपुर, पन्ना, टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, सतना, सिद्धि और सिंगरौली जैसे जिलों में राजेंद्र शुक्ला जैसे ब्राह्मण नेताओं का प्रभाव है, लेकिन युवा और पिछड़ा वर्ग के नेताओं को मौका देने की योजना है।

महाकौशल में मजबूती:जबलपुर, कटनी, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, नरसिंहपुर, डिंडोरी और मंडला जैसे जिलों में कांग्रेस का प्रभाव रहा है। इस क्षेत्र में गौरीशंकर बिसेन जैसे अनुभवी नेता पहले से हैं, लेकिन कटनी जैसे संवेदनशील क्षेत्रों से पिछड़ा वर्ग कोटे में मुड़वारा विधायक संदीप जायसवाल को मंत्रिमंडल में अवसर मिलने की प्रबल संभावना है। वहीं, सामान्य वर्ग कोटे में बहोरीबंद विधायक प्रभात पांडे की किस्मत चमक सकती है, जो महाकौशल में पार्टी की स्थिति को मजबूत करेगा।

चंबल संभाग में गतिशीलता:श्योपुर, मुरैना, भिंड और ग्वालियर में 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा की स्वीप जीत के बाद भी और प्रतिनिधित्व की मांग है। रामनिवास रावत जैसे नेताओं के बाद नए चेहरों को मौका मिल सकता है।

जातीय समीकरण और युवा नेतृत्व पर जोर

मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय समीकरण को साधने की रणनीति प्रमुख है। वर्तमान में मंत्रिमंडल में 13 पिछड़ा वर्ग (OBC) के मंत्री हैं, लेकिन अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और सामान्य वर्ग के नेताओं को भी संतुलित करने की कोशिश होगी। कटनी से संदीप जायसवाल का नाम OBC कोटे में प्रमुखता से उभर रहा है, जो न केवल क्षेत्रीय बल्कि जातीय संतुलन को भी मजबूत करेगा। वहीं, प्रभात पांडे जैसे युवा नेताओं को सामान्य वर्ग में शामिल कर पार्टी नया नेतृत्व उभारने की दिशा में कदम उठा रही है।

वरिष्ठ मंत्रियों पर कैंची, संगठन में नई भूमिका

सूत्रों के अनुसार, कुछ वरिष्ठ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटाकर संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है। यह कदम न केवल मंत्रिमंडल में नई ऊर्जा लाएगा, बल्कि 2028 के विधानसभा चुनावों की रणनीति को भी मजबूत करेगा। वरिष्ठ नेताओं को संगठन में शामिल कर जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूत करने की योजना है।

मुख्यमंत्री की रणनीति और समयबद्ध कार्ययोजना

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में मंत्रियों को जिलों के प्रभार सौंपे थे, जिसमें उन्होंने इंदौर जैसे महत्वपूर्ण जिले का दायित्व स्वयं लिया। यह कदम मंत्रिमंडल विस्तार से पहले क्षेत्रीय संतुलन और कार्यक्षमता को परखने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। सूत्रों का दावा है कि विस्तार की घोषणा जल्द हो सकती है, और इसके लिए दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व के साथ अंतिम दौर की चर्चा चल रही है।

राजनीतिक प्रभाव और भविष्य की राह

यह मंत्रिमंडल विस्तार न केवल सरकार की स्थिरता को मजबूत करेगा, बल्कि पार्टी के जनाधार को व्यापक बनाने में भी सहायक होगा। कटनी जैसे क्षेत्रों में संदीप जायसवाल और प्रभात पांडे जैसे नेताओं को मौका देकर पार्टी महाकौशल में अपनी स्थिति को और मजबूत करना चाहती है। साथ ही, क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों को साधकर भाजपा 2028 के चुनावों में मजबूत दावेदारी पेश करने की तैयारी में है।आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की सियासत पर सभी की नजरें टिकी हैं, क्योंकि यह विस्तार न केवल मंत्रिमंडल की संरचना बदलेगा, बल्कि प्रदेश की राजनीति की दिशा को भी प्रभावित करेगा।

मध्य प्रदेश में मोहन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार: कटनी से संदीप जायसवाल, बहोरीबंद से प्रभात पांडे की संभावना; वरिष्ठ मंत्रियों पर कैंची, रणनीति में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन पर जोर


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