सेवानिवृत्त आबकारी अधिकारी भदौरिया के फ्लैट पर लोकायुक्त का धमाका: ढाई किलो सोना, 75 लाख नकद और विदेशी मुद्रा जब्त, आय से अधिक संपत्ति का खुलासा

 सेवानिवृत्त आबकारी अधिकारी भदौरिया के फ्लैट पर लोकायुक्त का धमाका: ढाई किलो सोना, 75 लाख नकद और विदेशी मुद्रा जब्त, आय से अधिक संपत्ति का खुलासा

सेवानिवृत्त आबकारी अधिकारी भदौरिया के फ्लैट पर लोकायुक्त का धमाका: ढाई किलो सोना, 75 लाख नकद और विदेशी मुद्रा जब्त, आय से अधिक संपत्ति का खुलासा

मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़इंदौर, 15 अक्टूबर 2025,मध्य प्रदेश लोकायुक्त की टीम ने दीपावली से ठीक पहले भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। सेवानिवृत्त सहायक जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के इंदौर के ओल्ड पलासिया स्थित फ्लैट सहित कुल आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। इस कार्रवाई में ढाई किलोग्राम सोने के बिस्किट, आभूषण, 75 लाख रुपये नकद, 5 हजार यूरो (लगभग साढ़े चार लाख रुपये मूल्य) विदेशी मुद्रा और लाइसेंसी हथियार जब्त किए गए। इसके अलावा, दो फ्लैट, निर्माणाधीन बंगला और इंदौर, ईटावा, ग्वालियर में कई बीघा पुस्तैनी जमीनें मिलने से आय से अधिक संपत्ति का मामला गहरा गया है।लोकायुक्त की विशेष स्थापना टीम ने बुधवार तड़के सुबह पांच बजे इंदौर के कैलाश कुंज, बिजनेस स्काई पार्क सहित सात ठिकानों और ग्वालियर के इंद्रमणि नगर स्थित घर पर दबिश दी। प्रत्येक स्थान पर दस्तावेजों, बैंक खातों और रखी गई संपत्ति की बारीकी से छानबीन की जा रही है। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि भदौरिया की वैध आय मात्र दो करोड़ रुपये आंकी गई है, जबकि जब्त संपत्ति का मूल्य इससे कहीं अधिक होने का अनुमान है। टीम ने बेटे सूर्यांश भदौरिया के फिल्म निवेश और बेटी के फिल्म क्षेत्र से जुड़े लेन-देन पर भी नजरें टिकाई हैं।

भदौरिया का विवादित इतिहास: निलंबन से रिटायरमेंट तक

धर्मेंद्र सिंह भदौरिया 1987 में आबकारी विभाग में उपनिरीक्षक के पद पर भर्ती हुए थे। उनका करियर शराब ठेकों की नीलामी और विभागीय कारोबार से जुड़ा रहा। वर्ष 2020 में तत्कालीन कलेक्टर मनीष सिंह ने शराब ठेकों की नीलामी में लापरवाही बरतने के आरोप में उन्हें निलंबित किया था, जिसके चलते नीलामी प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो पाई थी। निलंबन के बाद भी विभागीय जांच चली, लेकिन अगस्त 2025 में वे सामान्य सेवानिवृत्ति के साथ रिटायर हो गए। रिटायरमेंट के बाद भी उनकी फाइव स्टार होटलों में मुफ्त पार्टियां आयोजित करने की चर्चा जोरों पर रही, जो अब लोकायुक्त की जांच का हिस्सा बन गई है।सूत्रों के अनुसार, भदौरिया पर पद के दुरुपयोग कर रिश्वतखोरी और काली कमाई जुटाने के गंभीर आरोप हैं। इंदौर आबकारी विभाग के पुराने घोटालों से भी उनका नाम जोड़ा जा रहा है, हालांकि वर्तमान कार्रवाई मुख्य रूप से आय से अधिक संपत्ति पर केंद्रित है। लोकायुक्त के वरिष्ठ अधिकारी इंदौर और ग्वालियर में दस्तावेज खंगाल रहे हैं, जबकि ईटावा (उत्तर प्रदेश) स्थित पुस्तैनी जमीनों की भी पड़ताल तेज हो गई है।

जब्ती का ब्योरा: सोना-चांदी से लेकर विदेशी मुद्रा तक

सोना और आभूषण: ढाई किलोग्राम सोने के बिस्किट के साथ महंगे आभूषण बरामद, जिनका बाजार मूल्य करोड़ों में अनुमानित।नकद धन: 75 लाख रुपये की नगदी विभिन्न ठिकानों से जब्त।विदेशी मुद्रा: 5 हजार यूरो (लगभग 4.5 लाख रुपये मूल्य) जब्त।अचल संपत्ति: इंदौर में दो फ्लैट, एक निर्माणाधीन बंगला; ग्वालियर और इंदौर में कई बीघा जमीनें।अन्य: लाइसेंसी हथियार और संदिग्ध दस्तावेज सुरक्षित।लोकायुक्त के एक अधिकारी ने बताया, "यह कार्रवाई भ्रष्टाचार मुक्त मध्य प्रदेश के संकल्प का हिस्सा है। जांच पूरी होने पर और खुलासे होंगे।" फिलहाल, भदौरिया और उनके परिवार से पूछताछ जारी है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि यह छापा 71 करोड़ के पुराने आबकारी घोटाले से प्रेरित हो सकता है, जिसमें कई अधिकारी फंसे थे।प्रशासनिक हलकों में इस कार्रवाई को सकारात्मक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है, और यह घटना उसी दिशा में एक कदम है। आगे की जांच में और संपत्तियां सामने आ सकती हैं, जिससे विभाग में सनसनी फैल गई है

सेवानिवृत्त आबकारी अधिकारी भदौरिया के फ्लैट पर लोकायुक्त का धमाका: ढाई किलो सोना, 75 लाख नकद और विदेशी मुद्रा जब्त, आय से अधिक संपत्ति का खुलासा


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