आयुध निर्माणी कटनी में मजदूर संघ को मिला बहुमत: पीतांबर सेतपाल की सदस्यता रद्द। मजदूर संघ की उपलब्धियों और चुनौतियों पर नजर
मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़ कटनी, 30 सितंबर 2025 (विशेष संवाददाता): कटनी की आयुध निर्माणी में मजदूर संघ (एआईडीईएफ) ने कार्यसमिति में बहुमत हासिल कर लिया है, जो संगठन की बढ़ती ताकत और श्रमिक हितों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कार्यालय अधीक्षक पीतांबर सेतपाल की कार्यसमिति सदस्यता रद्द होने के बाद मजदूर संघ के पास पांच सदस्य हो गए हैं, जबकि बीपीएमएस के पास चार सदस्य रह गए। इस बदलाव ने एमएस को उपाध्यक्ष, सचिव और अन्य समितियों के गठन में अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका दिया है। हालांकि, संगठन के सामने कुछ अनसुलझे मुद्दों और अपूर्ण उपलब्धियों की चुनौतियां भी बरकरार हैं, जो इसके भविष्य के कदमों को प्रभावित कर सकती हैं।
2017 के आदेश से शुरू हुआ विवाद
यह मामला 2017 के उस आदेश से जुड़ा है, जिसमें कोलकाता स्थित ऑर्डनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने निर्देश दिया था कि, आयुध निर्माणियों में कार्यरत कार्यालय अधीक्षक ट्रेड यूनियन गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकते। इस आदेश के तहत कटनी आयुध निर्माणी प्रबंधन ने पीतांबर सेतपाल की कार्यसमिति सदस्यता रद्द कर दी थी। सेतपाल ने इस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, जिसे हाल ही में खारिज कर दिया गया। इसके बाद प्रबंधन ने आज एक आदेश जारी करते हुए सेतपाल की सदस्यता को औपचारिक रूप से निलंबित कर दिया। इस कदम से कार्यसमिति में मजदूर संघ को स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ है।
मजदूर संघ की उपलब्धियां: श्रमिक हितों में अग्रणी
मजदूर संघ, जो देश का सबसे बड़ा स्वतंत्र श्रमिक संगठन आल इंडिया डिफेंस एम्प्लाइज फेडरेशन से संबद्ध है, ने आयुध निर्माणी कटनी में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। संगठन ने कर्मचारियों के लिए बेहतर कार्यस्थल सुरक्षा, समय पर वेतन वृद्धि, और प्रमोशन नीतियों में सुधार के लिए लगातार प्रयास किए हैं। हाल के वर्षों में, एमएस ने कर्मचारियों की पेंशन योजनाओं को लागू कराने और अनुबंध कर्मियों के लिए स्थायी रोजगार की मांग को लेकर प्रबंधन के साथ कई दौर के संघर्ष किये है। इसके अलावा, संगठन ने कोविड-19 महामारी के दौरान कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं और विशेष भत्तों की व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।एमएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, “हमारा संगठन ‘मजदूरों का, मजदूरों के लिए, मजदूरों द्वारा’ के सिद्धांत पर चलता है। बहुमत हासिल करना हमारे कार्यकर्ताओं की मेहनत और एकजुटता का परिणाम है। हम जल्द ही उपाध्यक्ष, सचिव और अन्य समितियों के गठन के लिए अपना दावा पेश करेंगे, ताकि श्रमिकों के हितों की रक्षा और मजबूत हो।”
अनुपलब्धियां और चुनौतियां
हालांकि एमएस ने कई मोर्चों पर सफलता हासिल की है। आयुध निर्माणी में कर्मचारियों के बीच मजदूर संघ की यह बहुमत निश्चित रूप से संगठन की लोकप्रियता को दर्शाती है, लेकिन अब सभी की नजर इस बात पर है कि, क्या एमएस अपनी इन कमियों को दूर कर पाएगा और बहुमत का उपयोग कर्मचारियों के लंबित मुद्दों को हल करने में करेगा। एमएस कर्मचारियों के शोषण सहित विभिन्न चुनोतियों के सतत संघर्षशील रहता है।
आगे की राह
मजदूर संघ को बहुमत के बाद कर्मचारी वर्ग में उत्साह का माहौल है, लेकिन बीपीएमएस ने भी इस फैसले पर अपनी रणनीति को पुनर्गठित करने का संकेत दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि, एमएस को अपनी उपलब्धियों को और मजबूत करने के लिए न केवल प्रबंधन के साथ प्रभावी संवाद करना होगा, बल्कि कर्मचारियों के बीच पारदर्शिता और समावेशिता को भी बढ़ावा देना होगा।कटनी आयुध निर्माणी, जो रक्षा उत्पादन का एक महत्वपूर्ण केंद्र है, में श्रमिक संगठनों की भूमिका नीति निर्माण में निर्णायक होती है। एमएस के कार्यकर्ता अब उपाध्यक्ष और सचिव जैसे पदों के लिए दावा पेश करने की रणनीति बना रहे हैं। सवाल यह है कि, क्या यह नया बहुमत निर्माणी में श्रमिकों के लिए सकारात्मक बदलाव ला पाएगा? इस घटनाक्रम पर कर्मचारी और प्रबंधन दोनों की नजर बनी हुई है। ताजा अपडेट के लिए बने रहें।

