काम को मिला सम्मान और स्थान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने पूर्व विधायक राजू पोद्दार
मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़ कटनी।कैलाश मानसरोवर, तिब्बत की चीन के कब्जे से मुक्ति के अभियान को गति देने संघ ने अपनी केंद्रीय टोली से दिए भारत तिब्बत सहयोग मंच को एक और पालक रुपेश विदित हो तिब्बत अनादि काल से हमारा आध्यात्मिक भाई रहा है, चीन एक क्रूर विस्तारवादी देश है उसकी नापाक नजरे तिब्बत पर गड़ी हुई थी। 1951 में उसने तिब्बत पर बलात कब्जा कर एक स्वतंत्र देश का अस्तित्व समाप्त करके अपनी सीमाओं में मिला लिया,फल स्वरुप वहां के सर्वे सर्वा दलाई लामा जी को जान बचाने भाग कर भारत में आकर शरण लेनी पड़ी भारत ने अपनेपन का परिचय देते हुए परम पावन दलाई लामा जी को भारत में शरण दी।यही से तिब्बत की निर्वासित सरकार का संचालन करने की अनुमति दी जो आज तक अनवरत काम कर रही है भारत सरकार और देश की जनता पूरा सहयोग कर रही है।तिब्बत पर कब्जा कर लेने से हमारी सनातन आस्था का केंद्र कैलाश मानसरोवर भी चीन के कब्जे में चला गया।सनातन धर्मावलंबियों को कैलाश मानसरोवर जाकर पवित्र सरोवर में डुबकी लगाने के लिए चीन सरकार की स्वीकृति पर निर्भर होना पड़ गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जो की सनातन आस्था, भारत की सुरक्षा का सतर्क सजग प्रहरी है। हिंदुत्व अस्तित्व संबंधी प्रत्येक घटना,हलचल पर चिंतन मनन कर अपनी कार्य दिशा तय करताहैअपनेस्वयंसेवक,कार्यकर्ता,पदाधिकारियों के माध्यम से काम करता है,उसके द्वारा ,1999 में भारत तिब्बत सहयोग मंच की स्थापना कर कैलाश मानसरोवर, तिब्बत की चीन के कब्जे से मुक्ति के कार्य हेतु अपने वरिष्ठ अनुभवी कार्यकर्ता, पदाधिकारी माननीय डॉ इंद्रेश को इस समस्या के समाधान पर काम करने के लिए लगाया।तब से भारत तिब्बत सहयोग मंच संपूर्ण देश और देश के बाहर जन जागरण का कार्य कर रहा है।विगत 28,29 जून को दिल्ली में संपन्न राष्ट्रीय परिषद की बैठक के पूर्व भारत तिब्बत सहयोग मंच के कार्य को और गति व विस्तार देने के लिए अपने ऊर्जावान नेतृत्व में से एक रुपेश जो कि जम्मू कश्मीर,पंजाब, हिमाचल और चीन की सीमा से सटे अन्य सभी क्षेत्रों का गहन अध्ययन कर विस्तृत जानकारी रखते हैं उनको और एक पालक अधिकारी के रूप में नियुक्त किया।कटनी पूर्व विधायक श्री गिरिराज किशोर उपाख्य राजू पोद्दार पुश्तैनी रूप से ही जाने माने हिंदुत्व वादी परिवार के सदस्य हैं। स्वयं उनका संगठनात्मक कार्य करने का अनेक दिशाओं में, अनेक प्रकल्पों में काम करने का विस्तृत अनुभव है।जिस भी कार्य में वह लगते हैं अपने कार्य की अमिट छाप छोड़ते हैं। भारत तिब्बत सहयोग मंच के मध्यक्षेत्र संयोजक के रूप में मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में जनजागरण का कार्य करते हुए अमिट छाप छोड़ी है.तिब्बत की निर्वासित सरकार के सम्माननीय सांसदों का जनवरी 2024 में 12 दिवसीय प्रवास बड़ी कुशलता से संपन्न करवाया।मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ के शीर्ष राजनीतिक, सामाजिक,धार्मिक नेतृत्व पत्रकार,मीडिया जगत से रूबरू करवा कर अपनी क्षमता की अमिट छाप छोड़ी।फरवरी 2025 में तिब्बती यूथ बाइकर्स द्वारा 22 राज्य 20000 किलोमीटर का 2 महीने का सफर किया गया। मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़ से गुजरने के दौरान उनका भी सतत सहयोग कर मध्यक्षेत्र में स्मरणीय सफल यात्रा करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।राष्ट्रीय स्तर के सभी तय कार्यक्रमों को आयोजित करने में अपनी कार्य कुशलता का परिचय दिया।उनकी इसी ऊर्जा को पहचान कर,स्वीकार कर माननीय डॉ इंद्रेश जी माननीय रूपेश जी, राष्ट्रीय महामंत्री माननीय पंकज जी ने उन्हें और बड़ा दायित्व देते हुए पूरे देश में कार्य करने का अवसर देते हुए भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्ति देकर सम्मानित किया राष्ट्रीय नेतृत्व ने अपेक्षा व्यक्त की कि भारत तिब्बत सहयोग मंच अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर देश के लगभग 780 जिलों में से ,500 जिलों तक में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुका है 300 से अधिक जिलों में प्रत्यक्ष कार्य संचालित है कैलाश मानसरोवर, तिब्बत की मुक्ति अभियान के सभी नए पुराने कार्यकर्ता पदाधिकारी का सहयोग लेते हुए, समन्वय बनाते भारत सरकार के समस्त अभियान परम पावन दलाई लामा जी के तिब्बत की मुक्ति के संकल्प राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख आयाम को तेजी से जन जागरण द्वारा पूरा कर देश में कैलाश मानसरोवर मुक्ति तिब्बत की आजादी के भाव की,जागरण की लहर उत्पन्न करेंगे। राष्ट्रीय परिषद की बैठक में उपस्थित सभी प्रतिनिधियों द्वारा हर्ष ध्वनि से गिरिराज किशोर 'राजू' पोद्दार की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्ति पर प्रसन्नता व्यक्त की गई।पूरे देश में भरपूर सहयोग देने का आश्वासन दिया गया। हर-हर महादेव।तिब्बत की आजादी, भारत की सुरक्षा है।जयभारत, जयतिब्बत। न चीनी उत्पाद न चीनी उत्पात।चीन की सीमा चीन की दीवार,बाकी सब चीन का कब्जा है।मान हमारा मानसरोवर, चीन के कब्जे से मुक्त करना है,कैलाश मानसरोवर, तिब्बत चीन को सबक सिखाना है,कैलाश मानसरोवर, तिब्बत आजाद करवाना है। चीनी वस्तुओं का, बहिष्कार करो बहिष्कार करो। गो बैक,गो बैक चाइना गो बैक।तिब्बत को आजाद करो, तिब्बत को आजाद करो। चीनी सरकार होश में आओ,तिब्बत के नागरिकों का दमन बंद करो, मानव अधिकार बहाल करो.