केंद्र सरकार के फैसले से सेवा निवृत्त कर्मचारियों की उड़ी नींद-)फैसला पर पुनर्विचार की मांग पर अड़ा संयुक्त मोर्चा

 केंद्र सरकार के फैसले से सेवा निवृत्त कर्मचारियों की उड़ी नींद-)फैसला पर पुनर्विचार की मांग पर अड़ा संयुक्त मोर्चा

केंद्र सरकार के फैसले से सेवा निवृत्त कर्मचारियों की उड़ी नींद-)फैसला पर पुनर्विचार की मांग पर अड़ा संयुक्त मोर्चा

मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़कटनी। केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में वित्तीय अनुशासन अधिनियम के आड़ में एक एक अहम बदलाव के पक्ष में निर्णय पारित करते हुए, देश के समस्त सेवानिवृत्त हो चुके,औरआने वाले समय में सेवा निवृत्त होने वाले कर्मचारियों को अब हर छः माह में बढ़ने वाला डी.ए.एवं दस वर्षों में मिलने वाले नये वेतन आयोग के संशोधन के लाभ से महरूम उन्हें किया जायेगा.केंद्र सरकार के द्वारा सेवा निवृत्त कर्मचारियों के विरोध में लिये गये निर्णय को यदि देर-सबेर लागू कर दिया गया,तो उनके वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी की संभावना लगभग ख़त्म हो जायेगी.यह फैसला उन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिये गंभीर का चिंता विषय है, जो महंगाई दर बढ़ने पर सरकार से महंगाई भत्ता बढ़ने की उम्मीद रखते थे. सरकार का मानना है, कि बूढ़े कर्मचारियों और उनके परिजनों को पेंशन की मूल राशि ही उनके लिये पर्यात है.अधिकारी- कर्मचारी संयुक्त मोर्चा संघ के प्रांतीय प्रवक्ता कुंवर मार्तण्ड सिंह राजपूत ने बुजुर्ग पेंशनधारियों के विरोध में पारित इस निर्णय का कड़े शब्दों में निंदा करते हुए, इसे अमानवीय और तुगलकी फरमान की संज्ञा से नवाजे हैँ.उन्होंने स्पष्ट किया कि इससे बुजुर्ग कर्मचारीयों के आर्थिक स्थिरता पर जमकर असर पड़ना तय है, जिसके चलते उनके जीवन स्तर में भी प्रभाव पड़ना स्वभाविक है.संयुक्त मोर्चा के संस्थापक सरमन तिवारी, अध्यक्ष आर. के. बत्रा, सचिव हरप्रीत सिंह ग्रोवर, महामंत्री सुनील मिश्रा,उपाध्यक्ष द्वय पूर्नेश उइके, अखिलेश मेहरा द्वारा केंद्र सरकार के इस फैसले का पुरजोर विरोध करते हुए, इसके अमल पर रोक लगाने हेतु सड़क पर आकर लड़ाई लड़ने का संकेत दिया गया है.सेवानिवृत्त कर्मी ज़ब बुढ़ापे में आर्थिक, सामाजिकऔर पारिवारिक रूप से असहाय हो जाता है, ऐसे समय में उसे आर्थिक सपोर्ट की सख्त जरूरत होती है. देश-प्रदेश  की पूरे मनोयोग से 40 से 45 वर्षों तक सेवा देने के बाद वह ज़ब अपनी क्षमता खो देता है, तब वृद्धावस्था में पेंशन ही सबसे बड़ा सहारा होती है, महंगाई भरे दौर में यदि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को शिष्यावृत्ति तर्ज पर निश्चित पेंशन के आलवा महंगाई भत्ता और वेतन संशोधन के लाभ से वंचित किया जाता है, तो देश- प्रदेश के सारे संगठन इसके विरोध में हल्ला बोल प्रदर्शन, रैली-रैलाऔर आ मरण अनसन करने हेतु पूरी सक्रियता सेजगह जगह रणनीति बनाने हेतु जुट चुके हैं.

केंद्र सरकार के फैसले से सेवा निवृत्त कर्मचारियों की उड़ी नींद-)फैसला पर पुनर्विचार की मांग पर अड़ा संयुक्त मोर्चा

  मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़ संपादक श्यामलाल सूर्यवंशी


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