जनजाति जननायक महामानव क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती का आयोजन ग्राम कनौजा तहसील ढीमरखेड़ा पर अजाक्स ने माल्यार्पण कर रखें विचार

जनजाति जननायक महामानव क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती का आयोजन ग्राम कनौजा तहसील ढीमरखेड़ा पर अजाक्स  ने माल्यार्पण कर रखें विचार

जनजाति जननायक महामानव क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती का आयोजन ग्राम कनौजा तहसील ढीमरखेड़ा पर अजाक्स  ने माल्यार्पण कर रखें विचार

 मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़ कटनी।दिनांक,15 नवम्बर 2024 को  ग्राम कनौजा तहसील  ढीमरखेड़ा में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन  किया गया कार्यक्रम मे मुख्यअतिथि के रूप में तिरु कुँवर राजा नीलेश प्रताप सिंह भडरा रहे विशिष्ट अतिथि  अरविंद सिंह धुर्वे कार्यवाहक जिला अध्यक्ष अजाक्स कटनी एवं संतोष सिंह सैयाम, सोहन लाल उईके एवं अन्य  समाजिक साथी रहे  सभी  साथियों ने सर्वप्रथम भगवान बिरसा मुंडा, बाबा साहब एवं सभी महापुरुषों के छायाचित्र पर माल्यार्पण  कर बारी बारी से उपस्थित ज़न सैलाब के बीच में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि बिरसा मुंडा के सामाजिक विचारों, आदिवासी संस्कृति के संरक्षण में उनके योगदान, और जल, जंगल, जमीन के अधिकारों के लिए उनके संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता ।श्री अरविंद सिंह धुर्वे ने कहा का भगवान बिरसा मुंडा के  आंदोलन और योगदान आदिवासी समुदायों के हितों, हक अधिकारों के लिए किया गया था   बिरसा मुंडा, जो आदिवासी समुदाय में ‘भगवान’ की उपाधि से जाने जाते हैं, ने आदिवासी संस्कृति की रक्षा और अपने समुदाय की पहचान को संरक्षित करने के लिए एक अनवरत संघर्ष किया था। उन्होंने समाज के शोषण, आदिवासी अधिकारों की रक्षा, और जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा के लिए अनेक आंदोलन चलाए, जिनसे आदिवासी समाज में जागरूकता और एकता की भावना का संचार हुआ। सामाजिक विचार और आदिवासी संस्कृति का संरक्षण  बिरसा मुंडा ने आदिवासी संस्कृति के संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया और बाहरी प्रभावों से इसे बचाने के लिए अपने जीवन को समर्पित किया। जल, जंगल, जमीन के अधिकारों की लड़ाई लड़ी बिरसा मुंडा ने जल, जंगल, जमीन के अधिकारों के लिए संघर्ष किया था, जिसे आज भी आदिवासी समुदाय अपनी पहचान और जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानता है।

बिरसा मुंडा के नेतृत्व में चले आंदोलन ने ब्रिटिश शासन के अत्याचारों के खिलाफ आदिवासी समाज को एक नई दिशा दी। उन्होंने अपने आंदोलन के माध्यम से समाज में एकता और साहस का संदेश दिया।"25 साल की उम्र में बिरसा मुंडा ने जिस क्रांति का आगाज किया वह आदिवासियों को हमेशा प्रेरित करती रहेगीl आज समाज की सबसे बड़ी चुनौती समाजिक असमानता है कि स्वतंत्रता के इतने वर्षो के समाज में भेदभाव व्याप्त है  उपरोक्त कार्यक्रम का सफ़ल संचालन तिरु देवी सिंह कुलस्ते, नरेश सिंह मार्को, मनीषा सिंह धुर्वे ने किया उपरोक्त कार्यक्रम मे सुग्रीव सिंह मरावी, दशरथ सिंह, अतुल चौधरी, पूर्व सरपंच संतोष कुमार चौधरी, प्रेमचंद वीरेंद्र पटेल आदि की  उपस्थित रही

जनजाति जननायक महामानव क्रांतिकारी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जन्म जयंती का आयोजन ग्राम कनौजा तहसील ढीमरखेड़ा पर अजाक्स  ने माल्यार्पण कर रखें विचार

  मध्य प्रदेश समाचार न्यूज़ संपादक श्यामलाल सूर्यवंशी


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